Born in Chaitra Shukla Chaturthi Samvat 2029 at the home of Manishi Late Shri Bhakt Ram Ji (Sahitya and Aaurvedacharya) and Smt. Yashoda, Dr. Acharya Shashank Shekhar is a scholar from the elite Dimri Brahmin family of Rudraprayag Garhwal, one of the Panch Prayagas of Devbhumi Tapobhumi Badarinath Dham (Uttarakhand). He had his upbringing in and around the vedic culture since childhood, completed his education (Shastri and Acharya) from the holy city of Baba Vishwanath, Varanasi. Later, he finished is PhD from the same university.
His father (Late Shri Bhakt Ram Ji) was the head of literature department at Ved Bhawan Sanskrit Maha Vidhyalaya, Rudraprayag (Uttarakhand) and was a famous 'Bhagwat Katha' allegorist.
Since 1995 Dr. Shashank has dedicated his life to 'Bhagwat Katha raspan', through this he has been guiding people of all ages for the internal peace and vedic way of living.
आचार्य शशांक शेखर जी देवभूमि तपोभूमि उत्तराखंड (बदरीनाथ धाम) के पञ्च प्रयागों मे से एक रुद्रप्रयाग गढ़वाल के कुलीन (डिमरी) ब्राह्मण परिवार के विद्वान मनीषी स्वर्गीय आचार्य भक्तराम डिमरी जी एवं माता श्रीमती यशोदा के घर चैत्र शुक्ल चतुर्थी संवत् २०२९ (सन् १९७३) को जन्म लिया। जन्म से ही वैदिक संस्कारों में पले बढे, आपकी प्रारंभिक शिक्षा यहीं पर हुई, शास्त्री एवं आचार्य की शिक्षा बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी वाराणसी से पूर्ण हुई और यहीं पर आपने पी.एच.डी की उपाधि प्राप्त की। आपके पिताजी भी उत्तराखण्ड के प्रकाण्ड भागवत कथा के मर्मज्ञ थे।
सन् १९९५ से आप भारत के विभिन्न स्थानों पर श्रीमद् भागवत कथा की अमृतमयी रस वृष्टि कर रहे हैं। आप की कथा शैली सरल सुमधुर एवं स्पष्ट है। जो शिक्षित-अशिक्षित, नर-नारी, बाल-वृद्ध सभी को मंत्र मुग्ध कर देती है।
HNB Colony, Dehradun (Uttarakhand).
Bhaniyawala, Dehradun (Uttarakhand).